इच्छा हामी सबैको हो नी, सबैले आत्मसम्मान पाएको, हाँसी खुसी रमाएको,
फेरी जोडौं टुटेका तारहरु, आँसु हैन आँखामा.. सपना र आशा फेरी पलाएको,
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